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अप्रैल 27, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

अब मजदूरों की मदद के लिए सरकार को आदेश पारित करना चाहिए, आग्रह से काम नहीं चलेगा।

अब भारत में मजदूरों की समस्या लॉकडाउन की वजह से बढ़ती ही जा रही है,  यह भी सच है, कि अगर लॉक डाउन नहीं होता तो उनकी समस्या और बढ जाती। लेकिन लॉक डाउन को एक महीने से ज्यादा समय हो गया है। पर सरकार की तरफ से अभी तक मजदूरों के भरण पोषण के लिए कोई विशेष प्रयास नहीं किये गये हैं। ऐसा कोई भी सरकारी आदेश सरकार द्वारा नहीं दिया गया है, जो कि इन मजदूरों से काम लेने वालों पर, उनके अधीन कार्यरत मजदूरों की आर्थिक या स्वास्थ्य के प्रति जिम्मेदारी को दर्शाता हो। या कम से कम इन्हें अपने मजदूरों के वेतन भुगतान करने के लिये बाध्य करता हो। अभी एक महीना हो जाने के बाद भी कई मजदूर अपने पुराने वेतन (जिसका लॉक डाउन की वजह से भुगतान नहीं हो पाया था), उस मेहनत की कमाई को पाने के लिये तरस रहे हैं। पर उनके मालिक का अता पता ही नहीं हैं। तथा उन तमाम अप्रवासी मजदूरों के वर्तमान वेतन का क्या होगा, जो दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता जैसे महानगरों व अन्य बड़ी जगह पर कार्यरत थे, पर लॉक डाउन की वजह से बिना वेतन लिये अपने घर जा चुके हैं या अभी भी राज्यों की सीमाओं के कैंप में रह रहे है। या लॉकडाउन के कारण कहीं और फ