सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

रमजान लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

अकीकत के महीने रमजान की कोविड-19 और लॉकडाउन में जरूरत और अहमियत।

आज चांद के दीदार के साथ ही पाक रमजान और इबादत का दौर शुरु हो जायेगा। कहा जाता है, कि रमजान के महीने में इबादत करने से 70 फीसदी ज्यादा सुकून और सबाब मिलता है। रमजान का महीना इस्लामिक साल के सभी महीनों में सबसे ज्यादा पाक महीना माना जाता है। रमजान ही वो महीना है जिसमें पाक क़ुरआन शरीफ नाजिल हुआ था। जिसमें नमाज जकात के साथ तमाम वो बातें शामिल हैं, जिनमें सारी कायनात समाई हुई है। लेकिन इस रमजान में लॉकडाउन है। तो ऐसे वक्त में रमजान की अहमियत और जरूरत पहले से और ज्यादा है। क्योंकि रमजान में लोग सुकून और सबाब पाते हैं, जिसकी अभी सख्त अहमियत है। और जो सबाब और सुकून पाने का जरिया है, उसकी हर जरूरतमंद को बहुत जरूरत है। तो ऐसे वक्त में रमजान का आना अपने आप में बहुत अहम और खास है। हालिया हालातों में वजू की अहमियत कितनी ज्यादा है। इस्लाम में नमाज को फर्ज बताया गया है। नमाज़ अदायगी की अपनी मजहबी अहमियत तो है, साथ ही साथ नमाज़ में वजू की अहमियत बहुत ज्यादा है। जो कि आज कोविड 19 के दौर में समझी जा सकती है। दिन में पांच बार नमाज़ अदा की जाती है। जो कि पांच बार वजू की हिदायत देती है। इन पांच